
बाजरे की खरीद शुरू, किसानों को मिलेगा 2775 रुपये प्रति क्विंटल का लाभ
किसानों को फसल का उचित मूल्य मिल सके, इसके लिए केंद्र सरकार की ओर से हर साल खरीफ व रबी सीजन से पहले फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किया जाता है। सरकार की ओर से घोषित एमएसपी पर ही पूरे देश में फसलों की खरीद होती है। लेकिन कभी–कभी किसान को बाजार में एमएसपी (MSP) से नीचे दाम पर अपनी फसल बेचनी पड़ती है। इस समस्या को दूर करने और किसानों के नुकसान की भरपाई के उद्देश्य से सरकार की ओर से भावांतर भरपाई योजना चलाई जा रही है। इस योजना के तहत राज्य सरकार ने किसानों से बाजरे की खरीद प्रक्रिया समय से पहले शुरू कर दी है।
राज्य के किसानों से किस रेट पर होगी बाजरे की खरीद
राज्य में अब किसानों को बाजरे पर 2775 रुपए प्रति क्विंटल का लाभ मिलेगा, जिसमें से 2200 रुपये की खरीद संस्थाएं भुगतान करेंगी और 575 रुपये प्रति क्विंटल की राशि सरकार सीधे किसानों के बैंक खातों में स्थानांतरित करेगी। राज्य सरकार ने पहले यह खरीद 1 अक्टूबर से शुरू करने की योजना बनाई थी, लेकिन किसानों की सुविधा और मंडियों में बढ़ती आवक को देखते हुए इसे 23 सितंबर से शुरू कर दिया गया है। इस साल 5,06,313 किसानों ने ‘मेरी फसल मेरा ब्योरा’ पोर्टल पर पंजीकरण करवाया है, जो दिखाता है कि योजना के प्रति किसानों में कितना उत्साह है।
बाजरे के लिए खरीद केंद्रों पर क्या की गई है व्यवस्था
राज्यभर में बाजरे की खरीद के लिए 92 मंडियों/खरीद केंद्रों बनाए गए हैं। इस साल बाजरे की खरीद का काम हैफेड (HAFED) और राज्य भंडारण निगम के माध्यम से किया जा रहा है। एक सरकारी प्रवक्ता ने जानकारी दी कि पहले बाजरे की खरीद 2150 रुपए प्रति क्विंटल की दर से हो रही थी। उस समय किसानों को सरकार की ओर से 625 रुपए प्रति क्विंटल की भरपाई की जा रही थी ताकि उन्हें केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 2775 रुपए प्राप्त हो सके।
पहले के मुकाबले 50 रुपए अधिक भाव पर होगी खरीद
प्रवक्ता के अनुसार बाजार में बाजरे के भाव की समीक्षा करने के बाद यह निर्णय लिया गया है कि अब खरीद संस्थाएं 2200 रुपए प्रति क्विंटल की दर से बाजरा की खरीद करेंगी, जो पहले के मुकाबले 50 रुपए अधिक है। इसके अलावा भावांतर भरपाई योजना के तहत किसानों को 575 रुपए प्रति क्विंटल की राशि अलग से दी जाएगी। बता दें कि केंद्र सरकार की ओर से खरीफ विपणन सीजन 2025–26 के लिए बाजरा का न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी (Millet MSP 2025) रुपए घोषित किया हुआ है। ऐसे में राज्य सरकार प्रदेश के किसानों को एमएसपी का पूरा लाभ दिलाना चाहती है।
निजी व्यापारियों पर भी लागू होगी योजना
प्रवक्ता ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि निजी व्यापारी ई-खरीद पोर्टल के जरिये किसानों से बाजरा 2200 रुपए प्रति क्विंटल से अधिक दर पर खरीदते हैं, तो भी किसानों को भावांतर भरपाई योजना के तहत 575 रुपए प्रति क्विंटल की राशि सरकार द्वारा दी जाएगी। इससे यह सुनिश्चित होगा कि कोई भी किसान नुकसान में न जाए और उन्हें बाजरे का एमएसपी के बराबर मूल्य मिल सके।
डीबीटी सिस्टम से सीधा खाते में होगा बाजरा खरीदी का भुगतान
यह योजना राज्य के किसानों के लिए प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT) के माध्यम से लाभ सुनिश्चित करती है, जिससे प्रक्रिया पारदर्शी और भ्रष्टाचार-मुक्त बनी रहेगी। सरकार का यह कदम किसानों को उनकी फसल का पूरा मूल्य दिलाने और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक मजबूत प्रयास है।
सरकार का बाजरा किसानों के लिए सकारात्मक कदम
सरकार का यह फैसला राज्य के लाखों बाजरा उत्पादक किसानों के लिए एक सकारात्मक कदम है। समय से पहले खरीद की शुरुआत, बढ़ा हुआ खरीद मूल्य और भावांतर भरपाई योजना का लाभ, ये सभी मिलकर किसानों को आर्थिक रूप से सुरक्षित और आत्मनिर्भर बनाने में अहम भूमिका निभाएंगे। प्रदेश के किसानों को चाहिए कि योजना का पूरा लाभ उठाएं और अपनी आय बढ़ाएं।



