खेती संसारविचार संसार

किसान अगस्त में करें ये 5 जरूरी काम, जो इनकम बढ़ाने में हो सकते हैं मददगार

किसानों के लिए अगस्त का महीना काफी महत्वपूर्ण होता है। इस महीने में किसान कई प्रकार की फसलों की खेती के साथ ही बोई गई फसल की देखभाल का काम भी करते हैं। किस फसल में कब उर्वरक देना, कब कीटनाशक छिड़काव करना आदि ऐसी बातें हैं जिसकी जानकारी किसानों को होनी चाहिए। इस बार कई किसानों ने धान, मूंगफली, मक्का, सब्जियां, मसाले आदि की बुवाई की है। यदि समय पर इन फसलों की अच्छे से देखभाल की जाए तो अच्छी पैदावार मिल सकती है। बिहार कृषि विभाग की सलाह के अनुसार यदि आप किसान हैं और खेती-किसानी से जुड़े हैं, तो अगस्त में ये 5 कृषि कार्य आपकी इनकम बढ़ाने में काफी मददगार साबित हो सकते हैं, तो आइए जानते हैं, इनके बारे में।

1. धान की फसल में यूरिया का छिड़काव करें

वर्षा से प्रभावित खरीफ सीजन में, जो किसान जुलाई में धान बो चुके हैं, उन्हें अगस्त में यूरिया का छिड़काव करना चाहिए। इससे फसल की पत्तियां हरी‑भरी, मजबूत और तेजी से बढ़ने लगेंगी जिसका अंततः बेहतर उत्पादन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। विशेष रूप से धान की फसल में बढ़ा हुआ टिलर और बेहतर ग्रोथ पैदावार बढ़ाने में मदद करती है। बता दें कि यहां टिलर का अर्थ है पौधे से तना या टहनियां निकलना। धान के मुख्य पौधे से अधिक संख्या में साइड टहनियां या तने (टिलर) निकलते हैं, इन टिलरों पर भी बालियां बनती हैं, जिससे कुल उत्पादन बढ़ता है।

2. मूंगफली की फसल में मिट्टी चढ़ाएं

मूंगफली खरीफ की महत्वपूर्ण फसल है जिसका अगस्त में गठन भी घटता है। इस महीने मूंगफली की फसल में मिट्टी चढ़ाने (earthing up) का काम बेहद लाभकारी है। इससे जड़ों को बेहतर पोषण मिलता है, नमी कायम रहती है और पौधों की स्थिरता बनी रहती है जिससे अंत में मूंगफली की पैदावार बढ़ती है।

3. हल्दी-अदरक की बुवाई अभी करें

अगस्त मसाला खेती के लिए उत्तम महीना भी होता है। यदि आपने हल्दी और अदरक की बुवाई नहीं की है, तो अगस्त में इन्हें जमीन में बो देना सही समय है। अच्छी किस्मों का चयन करके बुवाई करें; बारिश की रफ्तार और मिट्टी की नमी इन फसलों की अच्छी ग्रोथ का समर्थन करती है और गुणवत्ता व उपज दोनों बेहतर होती हैं।

4. सब्जियों की फसल: मिर्च, टमाटर, गोभी की बुवाई करें

अगस्त का महीना मिर्च, टमाटर और अगेता गोभी जैसी सब्जियों की बुवाई के लिए बेहद उपयुक्त माना जाता है। इस समय बारिश और मौसम का अनुकूल संतुलन इन फसलों की अच्छी बढ़वार में मदद करता है। सही सिंचाई, संतुलित पोषण और उचित देखभाल से किसान इन सब्जियों की खेती से बेहतर उपज के साथ अधिक लाभ कमा सकते हैं।

 

5. आम, लीची, पपीता के पौधों का रोपण करें 

फल‑वृक्ष लगाने के लिए अगस्त सर्वोत्तम महीना माना जाता है। वर्षा की उपस्थिति और मिट्टी की आद्रता इस कार्य का समर्थन करती है। किसान पपीता, आम, लीची जैसे फलदार पौधे पहले से तैयार गड्‌ढे में अगस्त के अंत तक लगा सकते हैं। यह दीर्घकालीन आय का स्रोत बन सकता है और समय के साथ आमदनी बढ़ाता है।

अन्य फसलों में बरते ये सावधानियां 

गन्ना :  अगस्त में गन्ने का संरक्षण महत्वपूर्ण है। कीट (जैसे आगेला बेधक, पायरिल्ला) और फफूंदी रोग (जैसे रत्ता, सोका) की रोकथाम करें; रोगी पौधे अलग कर नष्ट करें। रोग‑रोधी किस्म सी.ओ.एस‑767 और फसल चक्र अपनाना लाभदायक है।

मक्का : बारिश से जलभराव न हो, खेत में जल निकासी सुनिश्चित करें। यूरिया की दूसरी और तीसरी खुराक न दें, कीट‑रोगों की रोकथाम करें।

दलहनी फसल :  मूंग, अरहर, उड़द आदि में फूल आने पर हल्की नमी बनाए रखें और 70% फलियां आने पर एण्डोसल्फान या मोनोक्रोटोफास से कीटनाशक छिड़काव करें।

बागवानी :  पेड़-पौधों में जल निकासी, फफूंदी नियंत्रण और मिट्टी उपचार जरूरी है। अगस्त अंत तक पपीता, नींबू, लीची का पौधारोपण लाभदायक रहता है।

कुल मिलाकर अगस्त कृषि के लिहाज से एक सुनहरा महीना है। सही समय पर उचित कार्य और कीट‑रोग प्रबंधन से किसान की आय में बढ़ोतरी संभव है। चाहे फसल हो, सब्जी, मसाला या फलदार पौधे हो, अगस्त की कृषि गतिविधियां किसान की इनकम में सुधार लाने में योगदान दे सकती हैं।

Related Articles

Back to top button