किसानों के हित में बड़ा फैसला: प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना 2026 तक बढ़ाई गई
केंद्र सरकार की प्रमुख पहल प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY) के तहत किसानों को सिंचाई से जुड़े उपकरणों और संसाधनों पर अनुदान (सब्सिडी) दिया जाता है। इस योजना के अंतर्गत स्प्रिंकलर, ड्रिप सिंचाई प्रणाली, सिंचाई तालाब और कुएं जैसे संसाधनों की स्थापना के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। किसानों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए इस योजना को अब वर्ष 2026 तक बढ़ा दिया गया है, जिससे देशभर के लाखों किसानों को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा।
PMKSY: उद्देश्य और शुरुआत
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की शुरुआत 2015-16 में की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य है—”हर खेत तक पानी” पहुंचाना, सिंचित भूमि का क्षेत्रफल बढ़ाना, जल उपयोग की दक्षता में सुधार करना और टिकाऊ सिंचाई तकनीकों को प्रोत्साहित करना। इसके माध्यम से सरकार किसानों को सिंचाई परियोजनाओं के लिए सब्सिडी के रूप में आर्थिक सहयोग देती है।
योजना के प्रमुख घटक
PMKSY दो मुख्य घटकों पर आधारित है:
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त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रमहर खेत को पानी
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कमान क्षेत्र विकास और जल प्रबंधन
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सतही लघु सिंचाई
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जलाशयों की मरम्मत, नवीनीकरण और पुनर्स्थापन
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भूजल विकास
2025-26 तक विस्तारित कार्य योजना
दिसंबर 2021 में केंद्र सरकार ने 2021-22 से 2025-26 की अवधि के लिए नई रूपरेखा को मंजूरी दी। पहले भूजल घटक (GW) केवल प्रतिबद्ध देनदारियों तक सीमित था, अब इसे भी परियोजनाओं की जरूरत के अनुसार विस्तारित किया गया है।
अन्य मंत्रालयों की भूमिका
PMKSY में विभिन्न मंत्रालयों की सहभागिता है:
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वाटरशेड विकास घटक को ग्रामीण विकास मंत्रालय के भूमि संसाधन विभाग द्वारा लागू किया जा रहा है।
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प्रति बूंद अधिक फसल अब राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत संचालित की जा रही है।
भूमि अधिग्रहण की चुनौती का समाधान
सिंचाई परियोजनाओं में भूमि अधिग्रहण एक बड़ी बाधा रही है। सरकार ने इसका समाधान भूमिगत पाइपलाइन प्रणाली के माध्यम से निकाला है। अब तक 55,290 किलोमीटर पाइपलाइन बिछाई जा चुकी है, जिससे 76,594 हेक्टेयर भूमि को अधिग्रहण से बचाया गया है। इससे किसानों की जमीन सुरक्षित रही और उन्हें बिना भूमि खोए सिंचाई की सुविधा मिली।
जल प्रबंधन में पारदर्शिता और दक्षता
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SCADA आधारित जल प्रबंधन प्रणाली और सूक्ष्म सिंचाई तकनीकों के उपयोग से जल उपयोग दक्षता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
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डैशबोर्ड और प्रबंधन सूचना प्रणाली (MIS) के माध्यम से योजना की निगरानी की जा रही है, जिससे लगभग रीयल टाइम ट्रैकिंग संभव हुई है। इससे कार्यों में पारदर्शिता, गति और जवाबदेही बढ़ी है।
PMG पोर्टल: समयबद्ध समाधान की पहल
परियोजनाओं में आने वाली बाधाओं जैसे भूमि अधिग्रहण, अनुमतियाँ और तकनीकी मुद्दों को अब PMG पोर्टल पर दर्ज किया जाता है, जिससे समयबद्ध समाधान सुनिश्चित होता है और योजनाएँ निर्धारित समय पर पूरी की जा सकें।
किसानों को लाभ कैसे मिलेगा
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किसानों को सिंचाई की बेहतर सुविधाएं मिलेंगी
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माइक्रो इरिगेशन सिस्टम तक आसान पहुंच सुनिश्चित होगी
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जल संरक्षण से लागत में कमी आएगी
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अधिक क्षेत्र में सिंचाई संभव होगी
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टिकाऊ जल प्रबंधन से दीर्घकालीन लाभ मिलेगा
आत्मनिर्भर भारत की दिशा में अहम कदम
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का विस्तार 2025-26 तक करना सरकार की दूरदर्शिता को दर्शाता है। यह पहल किसानों को तकनीकी, आर्थिक और भौतिक रूप से सशक्त बनाएगी, साथ ही देश में सिंचित भूमि का दायरा बढ़ाएगी। यह कदम आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर माना जा रहा है।



