
युवा किसान भारत राजवाड़े ने जैविक खेती में किया अभिनव प्रयो
कोरिया जिले के युवा किसान भारत राजवाड़े ने परंपरागत खेती से हटकर जैविक खेती में नवाचार कर एक मिसाल कायम की है। उन्होंने दिखा दिया कि अगर मेहनत और नए प्रयोगों के साथ खेती की जाए, तो यह न सिर्फ लाभकारी बन सकती है, बल्कि किसानों के लिए प्रेरणा भी बन सकती है।
भारत ने अपने तीन एकड़ खेत में आधुनिक तकनीक जैसे रेन पाइप और ड्रिप इरिगेशन सिस्टम को अपनाया। पहले सिर्फ धान पर निर्भर रहने की बजाय अब वे विदेशी सब्जियों और खास किस्म के तरबूज की खेती कर रहे हैं। इससे उन्हें सालाना 2.5 से 3 लाख रुपये का अतिरिक्त मुनाफा हो रहा है।
भारत बताते हैं कि जिले में ज़्यादातर किसान सिर्फ एक फसल लेते हैं – जैसे धान या गेहूं। लेकिन उन्होंने लीक से हटकर खेती करने का फैसला लिया। उन्होंने पीले तरबूज, बैंगनी और पीली फूलगोभी, ब्रोकली, स्वीट कॉर्न, सफेद करेला और चाइनीज सब्जियों की खेती शुरू की। इसके लिए उन्होंने विदेशी बीज ऑनलाइन मंगवाए और जैविक खाद का इस्तेमाल कर मिट्टी को उपजाऊ बनाया।
सब्जियों की सही बढ़वार के लिए उन्होंने उद्यानिकी विभाग की योजनाओं का लाभ उठाकर शेड नेट का प्रयोग किया। सिंचाई के लिए ड्रिप सिस्टम के साथ बुवाई और उत्पादन के नए तरीके अपनाए, जिनके सकारात्मक परिणाम उन्हें देखने को मिले।
भारत ने बताया कि उन्होंने 2014 में जैविक खेती की शुरुआत की थी और 2017 से सब्जियों में नए प्रयोग शुरू किए। अब वे सामान्य सब्जियों के साथ मिक्स क्रॉप और विदेशी सब्जियां भी उगा रहे हैं, जो बाजार में सामान्य फसलों की तुलना में अधिक कीमत पर बिकती हैं। खास बात यह है कि ये फसलें कम समय में तैयार होती हैं और बैकुंठपुर जैसे स्थानीय बाजारों में तुरंत बिक जाती हैं।उनकी सफलता न सिर्फ उनकी मेहनत का परिणाम है, बल्कि यह संकेत भी है कि युवा अगर वैज्ञानिक तरीके और नवाचार के साथ खेती करें, तो यह एक लाभकारी और टिकाऊ पेशा बन सकता है।



