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सोयाबीन फसल पर संकट: किसानों को मिलेगा मुआवजा, हर खेत का होगा सर्वे

मध्यप्रदेश । इस साल देश में अनियमित मानसून और जलवायु परिवर्तन के कारण किसी राज्य में अत्यधिक बारिश तो कहीं कम बारिश हुई जिससे किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचा है। इसके अलावा कीटों के प्रकोप ने भी फसलों को हानि पहुंचाई। इसी बात को ध्यान में रखते हुए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हाल ही में शाजापुर और रतलाम जिलों का दौरा कर प्रभावित क्षेत्रों में फसलों की स्थिति का अवलोकन किया और किसानों को राहत व मुआवजे का भरोसा दिलाया।

मुख्यमंत्री ने दिए सभी कलेक्टरों को निर्देश

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए कि जहां भी फसलों को नुकसान हुआ है, वहां हर खेत का सर्वे कराया जाए और किसानों को अधिकतम मुआवजा दिलाया जाए। उन्होंने संबंधित अधिकारियों और कलेक्टर्स को निर्देशित किया कि इस कार्य में किसी प्रकार की लापरवाही न हो।

मुख्यमंत्री ने लिया खराब फसलों का जायजा

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने रतलाम जिले की सैलाना तहसील के करिया गांव और शाजापुर जिले की पोलायकलां तहसील के ग्राम खड़ी में जाकर सोयाबीन की खराब फसल का अवलोकन किया। उन्होंने किसानों से सीधे संवाद कर उनकी समस्याएं सुनीं और भरोसा दिलाया कि सरकार हर कदम पर किसानों के साथ है। उन्होंने कहा कि किसानों को किसी भी हाल में नुकसान नहीं होने दिया जाएगा। चाहे वजह अतिवृष्टि हो, सूखा हो या कीट रोग, हर खेत का सर्वे किया जाएगा और मुआवजा दिया जाएगा।

बीमा क्लेम के लंबित मामलों का होगा निराकरण

मुख्यमंत्री ने शाजापुर कलेक्टर को निर्देश दिए कि जिन किसानों को पिछले वर्षों की फसल बीमा राशि नहीं मिली है, उनके प्रकरणों का शीघ्र निराकरण कराकर राशि खातों में भेजी जाए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि किसानों की समस्याओं का समाधान समयबद्ध तरीके से हो।

नर्मदा-पार्वती-चंबल-कालीसिंध परियोजना से सिंचाई को मिलेगी ताकत

मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि आने वाले समय में शाजापुर जिले के किसानों को सिंचाई के लिए नर्मदा-पार्वती-चंबल-कालीसिंध लिंक परियोजना के माध्यम से पानी उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे क्षेत्र के किसानों को जल संकट से राहत मिलेगी और कृषि उत्पादन में सुधार होगा।

किसानों के लिए संकट में सहारा– प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना

खराब फसल के इस संकट में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) किसानों के लिए सुरक्षा कवच की तरह काम करेगी। यह योजना किसानों को प्राकृतिक आपदाओं, कीट प्रकोप, असमय बारिश, सूखा जैसी स्थितियों में फसल के नुकसान की भरपाई करने का अवसर देती है।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के तहत क्या मिलते हैं लाभ

  • फसल नुकसान की स्थिति में बीमा क्लेम सीधे बैंक खाते में ट्रांसफर किया जाता है।
  • बीमा करवाने के लिए न्यूनतम प्रीमियम दर – खरीफ फसलों पर केवल 2% रखी गई है।
  • रबी फसलों पर केवल 1.5% प्रीमियम लिया जाता है।
  • बागवानी फसलों पर 5% प्रीमियम देना होता है।
  • यह योजना सभी प्रकार के प्राकृतिक आपदाओं को कवर करती है।
  • लाभ लेने के लिए फसल बीमा पोर्टल या नजदीकी CSC सेंटर पर रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है।

जमीनी स्तर पर कार्य शुरू, फसल नुकसान रिपाेर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश

राज्य सरकार ने जिला प्रशासन को तत्काल सर्वे कार्य शुरू करने और फसल क्षति की रिपोर्ट एक निश्चित समयसीमा में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। हर खेत का सर्वे जीपीएस (GPS) आधारित मोबाइल एप के माध्यम से किया जाएगा, ताकि पारदर्शिता बनी रहे और किसी भी पात्र किसान को मुआवजे से वंचित न रहना पड़े। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के फील्ड दौरे और त्वरित निर्देशों ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि राज्य सरकार किसानों के साथ खड़ी है। जहां संकट है, वहां राहत पहुंचाने का कार्य शुरू हो चुका है और हर संभव प्रयास किया जा रहा है कि किसान की मेहनत व्यर्थ न जाए।

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